मैं २९ अप्रैल को राजस्थान गया था ॥ राजस्थानी फ़िल्म के लिए॥ हमने पुरे पॉँच दिन तक शूटिंग की ॥ लेकिन क्या पता पॉँच दिन के बाद हम पुरे दस दिन शूटिंग किए बिना ही बेठे रहे॥ प्रोड्यूसर के पास पैसे ही नही थे। मुझे ये समाज में नही आता की जब आप के पास पैसे न हो तो आप क्यूं फ़िल्म बनते हो और क्यों किसीका समय बर्बाद करते हो॥? ... लेकिन क्या करे मैं जिनके साथ गया था वोह मेरे अच्छे दोस्त है॥ मेरे दिरेक्टोर जिनकी वजह से मैं चुप हूँ ........
Wednesday, May 13, 2009
वोह अनुभव मेरे लिए बड़ा ही ख़राब था....!!!
मैं २९ अप्रैल को राजस्थान गया था ॥ राजस्थानी फ़िल्म के लिए॥ हमने पुरे पॉँच दिन तक शूटिंग की ॥ लेकिन क्या पता पॉँच दिन के बाद हम पुरे दस दिन शूटिंग किए बिना ही बेठे रहे॥ प्रोड्यूसर के पास पैसे ही नही थे। मुझे ये समाज में नही आता की जब आप के पास पैसे न हो तो आप क्यूं फ़िल्म बनते हो और क्यों किसीका समय बर्बाद करते हो॥? ... लेकिन क्या करे मैं जिनके साथ गया था वोह मेरे अच्छे दोस्त है॥ मेरे दिरेक्टोर जिनकी वजह से मैं चुप हूँ ........
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment